15-04-18

15-04-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 19-05-83 मधुबन “साक्षी दृष्टा कैसे बनें?” आज बापदादा इस पुरानी दुनिया और पुराने राज्य की दुनिया, जड़जड़ीभूत हुई दुनिया का समाचार सुन रहे थे। बापदादा देख रहे थे कि मेरे बच्चों को पुरानी दुनिया में कितना सहन करना पड़ता है। आत्मा के लिए मौजों का समय है लेकिन शरीर … Continue reading 15-04-18